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शुक्रवार को प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्न

शुक्रवार को प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर 
स्नान आदि से निविर्त होककर लाल 
वस्त्र धारण करें।
पूजा गृह में माता संतोषी की चित्र और 
कलश स्थापित कर पूजा करें।
पूजा में गुड़, चना, कमल का फूल, फल, 
दूर्वा, अक्षत, नारियल फल माता को अर्पित करें।
आखिर में आरती अर्चना और प्रसाद भेंट करें।
पूजा आदि करने के बाद दिनभर उपवास रखें।

शुक्रवार का व्रत रखने से शारीरिक कष्टों 
से मुक्ति मिलती है, वैवाहिक जीवन 
सुखमय होता है, मां लक्ष्मी की कृपा
 प्राप्त होती है, आर्थिक स्थिति मजबूत 
होती है और कुंडली में शुक्र ग्रह
 से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

©Divyanjli Verma #santoshimaa #divyanjlivermaayodhyawasi
शुक्रवार को प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर 
स्नान आदि से निविर्त होककर लाल 
वस्त्र धारण करें।
पूजा गृह में माता संतोषी की चित्र और 
कलश स्थापित कर पूजा करें।
पूजा में गुड़, चना, कमल का फूल, फल, 
दूर्वा, अक्षत, नारियल फल माता को अर्पित करें।
आखिर में आरती अर्चना और प्रसाद भेंट करें।
पूजा आदि करने के बाद दिनभर उपवास रखें।

शुक्रवार का व्रत रखने से शारीरिक कष्टों 
से मुक्ति मिलती है, वैवाहिक जीवन 
सुखमय होता है, मां लक्ष्मी की कृपा
 प्राप्त होती है, आर्थिक स्थिति मजबूत 
होती है और कुंडली में शुक्र ग्रह
 से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

©Divyanjli Verma #santoshimaa #divyanjlivermaayodhyawasi