// अंत-आरंभ // अंत करूं कुछ वासनाओं का तो हो प्रेम का फिर आरंभ| अंत करूं जो हृदय-स्पर्शी-प्रेम का नैन-आज्ञा से तेरी देह-स्पर्शी-प्रेम से आत्मा छूना करूं आरंभ| अंत करूं सभी दुविधाओं का कुछ छड़ों के लिए शून्य तुझमें होकर फिर नया करूं कुछ तुुझ से ही आरंभ | अंत हो जाए मेरे सभी अंधेरों और विरक्तियों का तुझमें मिलकर मैं तुम हो जाऊँ और एक नए प्रकाश और धर्म का हो आरंभ || #pnpabhivyakti #pnpabhivyakti1 #pnphindi #modishtro #deepakkanoujia #startend #antaaranbh