कौन हो तुम? कल्पना में सर्जना में भाव भीनी व्यंजना में राग और विराग में भी मन की मेहुल वेदना में मन मोहिनी ये छाप कैसी मन सुप्त है या चेतना में? ढूँढता हूँ चिह्न अपने अपनी ही अभ्यर्थना में! क्यों विकल हूँ क्यों विरल हूँ क्या नहीं है जगत ज्या में? मन तुम्हीं तक लौट आता आ गया मैं किस दिशा में? खोजी मन की तरल प्रकृति ठहर गई क्यों इस कथा में? #toyou#searchingfor#findingin#yqselfquest#yqmotivation#yqmeditation