जो एक दिन प्यार के चिठ्ठी पढ़ा करती थी आज वह कहीं दूर गांव में चिट्ठी गिना करती हे के खुदा, इतना तो रहम कर ले बची पे जो सबके पेट केलिए खुदकी खुसी दाव पर लगादी हे। कैसी होगी वह, उस गांव में जो एक दिन खुसी खुसी घर से खाना चुरा के लाती थी उसकी डॉक्टर बन ने का सपना तोड़ा हे हमने आज जितना भी टोक लूं खुद को ज़िंदगी को पीछे लौटा व नही पाऊंगा। 😭 #yqdidiquotes #she #notwell #life