कोमल कमल गात हरि पत्तो वाली शाख मैं चमकती धूप हूँ कहा देख रहा है मुझको अंतर्मन में झांक मैं हवा सी बहती तेरे अंदर ही तो रहती समंदर सी उथल पुथल मैं मैं शोर मचाता तेरे अंदर विद्रोह का स्वरूप हूँ मैं शान्त हूँ , अशांत हूँ तेरे अंदर बसता मैं एक छोटा सा प्रान्त हूँ ✍️रिंकी #अंदरदेख #मैंमनहूँ #यकदीदी #यकदीदी #यकबाबा #यककोट्स #यकफ़ीलिंग्स #यकजिंदिगी