चाँद मेरा कुछ यूँ नाराज़ हुआ, न निकला बादलों से वो, न ही फिर वो मेरा हुआ।। चाँद मेरा कुछ यूँ नाराज़ हुआ, न निकला बादलों से वो, न ही फिर वो मेरा हुआ।। #करवाचौथ #मेरा_चाँद