बचपन के वो दोस्त..... जिन्हें कोई फ़र्क नही पड़ता आप ज़हीन है या बेअक्ल। तो खूबसूरत है या बेशक्ल। आप उम्दा है या नकारा। आप अज़ीज़ है या बेचारा। आप क़ीमती है या मुफ़्त। वो तो बस दोस्त होते है। जो साथ होते है पास होते है। हर खुशी-ओ-ग़म का एहसास होते है। बचपन के वो दोस्त..... जिन्हें कोई फ़र्क नही पड़ता आप ज़हीन है या बेअक्ल। तो खूबसूरत है या बेशक्ल। आप उम्दा है या नकारा। आप अज़ीज़ है या बेचारा। आप क़ीमती है या मुफ़्त। वो तो बस दोस्त होते है।