कही किसी घर से आ रही मस्ती की शोर, कही किसी घर में है परेशानी घनघोर, मुश्किल ऐसी है कि नहीं सूझ रहा कोई उपाय, चिंता में कुछ लोग की कैसे मिलेगी चाय। सामान जमा करे कोई ऐसे जैसे नहीं होगी कल भोर, वही कही किसी की थाली में नहीं कोई इंजोर। मनवाता की खातिर आओ दिया जलाये, अपने अपने सामर्थ्य से सेवा पहुँचाये। कुछ पल की है ये घनघोर निराशा, पर खोना न अभी तुम आशा। कठिन दिन आते है और चले जाते है, सब मिल के अगर जोर लगाये, तो पत्थर पानी बन बाह जाते है। #cronavirus #hope #strength