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चावल खाना हो तो गेहूं बेचना पड़ता है रोटी खाना हो

चावल खाना हो तो गेहूं बेचना पड़ता है
रोटी खाना हो तो चावल बेचना पड़ता है
गुंजाइशें नहीं होती जिस जीवन में 
उसमें भी गुंजाइशों के साथ जीना पड़ता है
ये गरीब किसान की हालात ए दास्तां है
चंद शब्दों से बयां नहीं कर सकते
इनके दिलों के दर्द को समझना आसां नहीं
ये मरी हुई जिंदगी भी हंस-हंस कर हैं जीते... #गरीब_किसान
चावल खाना हो तो गेहूं बेचना पड़ता है
रोटी खाना हो तो चावल बेचना पड़ता है
गुंजाइशें नहीं होती जिस जीवन में 
उसमें भी गुंजाइशों के साथ जीना पड़ता है
ये गरीब किसान की हालात ए दास्तां है
चंद शब्दों से बयां नहीं कर सकते
इनके दिलों के दर्द को समझना आसां नहीं
चावल खाना हो तो गेहूं बेचना पड़ता है
रोटी खाना हो तो चावल बेचना पड़ता है
गुंजाइशें नहीं होती जिस जीवन में 
उसमें भी गुंजाइशों के साथ जीना पड़ता है
ये गरीब किसान की हालात ए दास्तां है
चंद शब्दों से बयां नहीं कर सकते
इनके दिलों के दर्द को समझना आसां नहीं
ये मरी हुई जिंदगी भी हंस-हंस कर हैं जीते... #गरीब_किसान
चावल खाना हो तो गेहूं बेचना पड़ता है
रोटी खाना हो तो चावल बेचना पड़ता है
गुंजाइशें नहीं होती जिस जीवन में 
उसमें भी गुंजाइशों के साथ जीना पड़ता है
ये गरीब किसान की हालात ए दास्तां है
चंद शब्दों से बयां नहीं कर सकते
इनके दिलों के दर्द को समझना आसां नहीं