कुछ इस पेड़ की तरह सदा यों ही बढ़ता रहे तेरे मेरे प्यार का पौधा कभी बाधा आए तो झुक जाए अरुणोदय की लाली फिर भी हमेशा इसमें नजर आए ।। ©Mohan Sardarshahari प्यार का पौधा