मैंने फिर उसके दिल का किस्सा सुन लिया। पता नही, उस दिन मैंने क्या समझकर बोल दिया। मेरे खाँसी पे वोह ना जाने क्या शक करती है, उस दिन से मैंने चाय में अदरक डालना छोड़ दिया। ©Ketan Apte मैंने फिर उसके दिल का किस्सा सुन लिया। पता नही, उस दिन मैंने क्या समझकर बोल दिया। मेरे खाँसी पे वोह ना जाने क्या शक करती है, उस दिन से मैंने तो चाय में अदरक डालना छोड़ दिया। © केतन आपटे . .