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पहाड़ी होई मै पहाड़ बटी मै पहाड़ी हूं मैदान से न

पहाड़ी 
होई मै पहाड़ बटी 
मै पहाड़ी हूं
मैदान से नहीं
उची डान कान से हूं 
समन्दर से नहीं 
समंदर की शुरुवात 
मै गाड़ गधेरे से हूं
गुलाब नहीं 
बुराश है यहां 
पीने को आरो या फिल्टर नहीं है
साफ पाडी  नव और धार मै है
सीमेंट ना या डूंग पाथरो की चिनई है 
फिनायिल नहीं 
सफाई के लिए माट गूबर ही काकी है 
तुमको डराने के लिए यहां मसान ही काफी है
पूरी को यहां लगड़ कहते है 
जो साथ निभाए उसे दगड़ कहते है
                                              ✍️ Manoj singh gaira #Pahari
पहाड़ी 
होई मै पहाड़ बटी 
मै पहाड़ी हूं
मैदान से नहीं
उची डान कान से हूं 
समन्दर से नहीं 
समंदर की शुरुवात 
मै गाड़ गधेरे से हूं
गुलाब नहीं 
बुराश है यहां 
पीने को आरो या फिल्टर नहीं है
साफ पाडी  नव और धार मै है
सीमेंट ना या डूंग पाथरो की चिनई है 
फिनायिल नहीं 
सफाई के लिए माट गूबर ही काकी है 
तुमको डराने के लिए यहां मसान ही काफी है
पूरी को यहां लगड़ कहते है 
जो साथ निभाए उसे दगड़ कहते है
                                              ✍️ Manoj singh gaira #Pahari