उसने मुझे जाने से किसी बहाने से एक कविता को स्याही बन जाने से रोका भी नहीं उसने आंखों से काजल बह जाने से अनजाने से मुझे तार-तार हो बिखर जाने से रोका भी नहीं उसने इतना भी नहीं किया बिछड़ने वालों ने कि एक दूसरे के पाँव में अपनी आवाज़ की ज़ंजीर ही डाल देते। #रोकानहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #shivangiverma Collaborating with YourQuote Didi