सुबह सवेरे उठकर आज चलो दिशाएँ मोड़ दें पूरब पश्चिम उत्तर दक्खिन सब आपस में जोड़ दें ना आगे ना पीछे हो, ना ऊपर ना नीचे हो तकलीदों के रचे भँवर हम आगे बढ़ कर तोड़ दे सुबह सवेरे उठकर आज चलो दिशाएँ मोड़ दें ना सुबह ना रात हो, बस रौशन हर बात हो ना सिक्कों की खनक कुरेदे,ना गुरबत की जात हो ना ही कोई बिसात हो ,ना शह हो ना मात हो बाँटती है जो तुझको मुझको दीवार सभी वो तोड़ दें सुबह सवेरे उठकर आज चलो दिशाएँ मोड़ दें पूरब पश्चिम उत्तर दक्खिन सब आपस में जोड़ दें बंजारे के पैर हरम हों औऱ मलंग हो दीन साँप सवेरे संग संग नाचे बजे इश्क़ की बीन बिन मांगे सबको मिले ख़ुदा लूट ना कोई छीन ना ज़िद ना जेहाद किसी से ना कभी किसी को होड़ दे सुबह सवेरे उठकर आज चलो दिशाएँ मोड़ दें पूरब पश्चिम उत्तर दक्खिन सब आपस में जोड़ दें @उदासियाँ।।। दिश ©Mo k sh K an #उदासियाँ_the_journey #moments_of_mindfullness #tassavuf #sufi #mokshkan #ishq #mkpikb