जिंदगी मे रंग भरने की चाहत मे रंगो को मिलाया था । जो महक सके घर मेरा मैने फूलों से बागबान को सजाया था।। लगे थे गुलाब तो काटें भी साथ ही उगेंगे । जिंदगी में सबक भी तो बेहिसाब ही मिलेंगे ।। खोने की चाहत किसे होती है मैंने तो पा के खोया था । उसका पूछो यारों उसने तो पाया हुआ भी खोया था।। दूसरो की तसल्ली उन्हें प्यार नजर आती थी। रिश्ते में आंसू की कीमत उन्हें कहां समझ आती थी।। अब तो उनके भी आंसू गिरते होंगे । पोछने वाले हाथ अब किसी और के हाथो मे होते होंगे।। फूलो से दोस्ती छोड़ मैने काटों को अपना बनाया है । तुझे किया हुआ वादा भी मैने आजतक ईमानदारी से निभाया है।। तेरे जाने के बाद मैने हर एक शक्स के प्यार को मजाक बनाया है । कपड़े तो बहुत दूर है मैंने तो उनके उनके दिल के चादरों को भी उनसे ही बदलवाया है।। वो मोहब्बत की बातें वो रात मे जगी है हर एक रातें, अब औरों के लिए आती ही नहीं। इस नापाक जिस्म में अब एक छलिया रहता है, जो अब जिस्म से और प्रेम के मजाक में रहता है ।। तेरे आंसु गिरते है तो पोछने वाले तेरे यार तो साथ होते होंगे। उन यारो में मेरी कमी के गुबार तो होते होंगे।। सोच तेरे अपनो ने तुझे कैसे छोड़ा है जिनके लिए तुम सब कर गई । तेरा हाल भी उन्होंने न शायद कभी पूछा है।। मैं जैसा भी था उन सबसे पूछ मैं सिर्फ तेरा था। खैर छोड़ ये बाते ये बता तेरा हाल इतने दिनो में किसी ने पूछा है।। ©Rv goswami #Nojoto #Love #shayri #poenoftheday #poem #Hindi #kavita #SunSet Ayushi Agrawal