जिस वक्त घर से छोड़ के जाती हैं बेटियां उस वक्त हमको खूब रुलाती हैं बेटियां रिश्तों की बागडोर हो किरदार ए अमल हो वा खूबी अपना फ़र्ज़ निभाती हैं बेटियां सुनकर कहीं हो जाए परेशां ना मेरा बाप इस तरह अपने दर्द छुपाती हैं बेटियां शैतां बिगाड़ पाएगा हरगिज़ ना मेरा कुछ घर में मेरे कुरान सुनाती हैं बेटियां लोगों इन्हें हकीर समझियो ना तुम कभी जन्नत की तरह घर को सजाती हैं बेटियां बेटों की तरह हमसे कभी ज़िद नहीं करतीं मां बाप को ना अपने सताती हैं बेटियां इज्ज़त का अपनी इश्क़ में सौदा नहीं करतीं मां बाप की इज़्ज़त को बचाती हैं बेटियां साकिब ये मुस्कुराती हैं चेहरे से हर घड़ी दिल में अज़ीयतों को दबाती हैं बेटियां ©Saqib Raza Khan #beti #doughterslove #Papa #faimly #urdu #Nojoto