प्यारी सी गुड़िया प्यारी सी गुड़िया दुवाओं से माँगा तुमको, सीने से नहीं शीश लगाया कि कदम ना चुभने पाय काँटे, कान्धे तुझे बिठाया जीन रितियों ने पूजा था तुमको उन रितियों ने आज तुम्हे लाड़ो खुद से दूर है क्यूँ बिठाया उमर अभी थी छोटी सी, कदम तुमने यौवन पर पाया फिर भी ना जाने क्यूँ, तुझको ये भेद-भाव का भेद पढ़ाया बचपन में ही तुमने ये जो अपना बचपन गवाया