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हर कोई मास्क लगायें बैठा है दुबका है अपने ही घर म

हर कोई मास्क लगायें बैठा है 
दुबका है अपने ही घर में 
ऐसा तो नहीं हुवा कभी 
दूषित हवा के कल में ।
आँसू लिये प्रकृति की आंखे तर है 
हर तरफ पसरा है सन्नाटा 
और खोफ के साये में शहर है 
गुम है निशा उस इंसान का 
जिसने हवाओ में गोला जहर है ।
लगता है इंसान को घरोंदे में सुला 
प्रकृति अपना आँचल धो रही है 
हमने किया मेला इस बात को भुला
हमारे लिये आँचल साफ बिछो रही है ।
शुद्ध बहेगा पानी कल फिर हवा साफ होगी 
आज की गलतियां कल सारी माफ होगी 
फसले लहलहायेगी अच्छी बरसात होगी 
ये मुमकिन होगा जब
पीढियो में संस्कार की साख होगी । #covid19india 
#ravikirtikikalamse 
#ravikirti_poetry 
#pollution 
#naturespeaks
हर कोई मास्क लगायें बैठा है 
दुबका है अपने ही घर में 
ऐसा तो नहीं हुवा कभी 
दूषित हवा के कल में ।
आँसू लिये प्रकृति की आंखे तर है 
हर तरफ पसरा है सन्नाटा 
और खोफ के साये में शहर है 
गुम है निशा उस इंसान का 
जिसने हवाओ में गोला जहर है ।
लगता है इंसान को घरोंदे में सुला 
प्रकृति अपना आँचल धो रही है 
हमने किया मेला इस बात को भुला
हमारे लिये आँचल साफ बिछो रही है ।
शुद्ध बहेगा पानी कल फिर हवा साफ होगी 
आज की गलतियां कल सारी माफ होगी 
फसले लहलहायेगी अच्छी बरसात होगी 
ये मुमकिन होगा जब
पीढियो में संस्कार की साख होगी । #covid19india 
#ravikirtikikalamse 
#ravikirti_poetry 
#pollution 
#naturespeaks