शायरी नहीं आती मुझे बिल्कुल भी नहीं दरअसल... स्कूल के दिनों में, कुछ ख़रोच आई थीं दिल पर वक़्त की रबर कहीं उन्हें मिटा न दे काग़ज़ पर उतार देता हूँ उन लकीरों को। #shayeryi