|| श्री हरि: ||
77 - विश्राम
'कनूं, तू थक गया है। आ, तेरे पैर दबा दूं।' भद्र धीरे से श्याम के चरणों के समीप बैठ गया।
'तू थक गया हो तो तेरे पैर दबा दूं।' कृष्ण इस समय अपनी मौज में है। भद्र इसके पैर दबाने लगे तो कोई पत्ता लेकर वायु करने आ पहुंचेगा। यह सब इस समय इसे अभीष्ट नहीं। भद्र के पास से अपने चरण इसने एक ओर खिसका लिये।
हरी-हरी कोमल दूर्वा है। कहीं-कहीं शंखपुष्पी के उज्जवल पुष्प हैं उसमें छोटे-छोटे। ऊपर मौलिश्री की घनी छाया है। दाऊ पालथी मारे बैठा है और बडे़ भाई के समीप ही श्याम पेट के बल घास पर लेता पड़ा है। दोनों चरणों के लाल-लाल तलवे खिले कमल से ऊर्ध्वमुख हैं और मोहन कभी-कभी चरणों की अंगुलियां नचा लेता है। #Books