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त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः। कामः क्रोधस

त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः।
कामः क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेतत्त्रयं त्यजेत्।।

भावार्थ:- काम, क्रोध तथा लोभ - ये तीन प्रकार के नरक के द्वार आत्मा का नाश करने वाले अर्थात् उसको अधोगति में ले जाने वाले हैं।अतएव इन तीनों को त्याग देना चाहिये।।

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