कुर्सी चार टांगे नहीं होती इसकी, चार स्तम्भ है सच्चे, झूठों को बिठाने का रखती दम है! इसे पाने की लालच कौन नहीं करता बोलो नेता पाने को इसको झूठ बोलता हरदम है! ऐसा नहीं कि सिर्फ मक्कारों को बिठाती, अतिथि का आतिथ्य भी ना करती कम है! #ऐसा_भी_है New Series after long time #kumaarsthought #kumaaraisabhihai #कुर्सी #नेता #अतिथि कुर्सी चार टांगे नहीं होती इसकी, चार स्तम्भ है