ए खुदा तू इतना बेरहम कैसे बन सकता है मेरे होठों के मुस्कान को कैसे छीन सकता है मेरी आंखों में आंसू अच्छे नहीं लगते तो बता खुदा इन आंखों को कैसे रुला सकता है सुना था मैंने अक्सर तुम अच्छें लोगों के साथ ही बुरा करते हो आज देख भी लिया पहले तो यकीन इस बात पर करती नहीं थी अपनों को तकलीफ़ में देख कर भी लिया आज सब कुछ धुंधला दिखाई पड़ रहा ए ख़ुदा तू इतना बेरहम कैसे बन सकता है सुन खुदा मेरी एक दुआ मुक्कमल कर उसे नई ज़िन्दगी दे और जीने का हौसला दे उनकी सारी तकलीफ़ चाहे मुझे दे दो लेकिन उनकी खुशियां वापस कर दो अब तो कुछ चमत्कार दिखा यूं ख़ामोश तो न रह ए खुदा तू इतना बेरहम कैसे बन सकता है मेरी दुआ मुक्कमल कर अगर तू है इस जहां में तो मेरी खुशियों को वापस कर मेरी दुआ मुक्कमल कर,,,,,,, 😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔 इन आंखों में सपने हजार है इन हवाओं से बोल अपनी रुख बदल ले मेरी अधूरी कहानी को पूरी कर