वैचारिक मतभेद हो सकते हैँ उसे आप विचारों से हरा सकते हैँ लेकिन उस नाम पर हत्या कर देना कायरता का परिचय देना हैँ...आप व्यक्ति को मार सकते हैँ उसके विचारो को नहीँ...यदि व्यक्ति को मारने से विचार मर जाते तो आज गांधी को कोई नहीँ जानता होता... मैंने गाँधी को बहुत बार पढ़ा खुद गाँधी की किताब से भी औरों के लिखे भी इतिहास की शहादत से भी ..... मेरे हिसाब से मामला वही निकलता है जो मैं लिख देता हूँ , इस लिए इस बार विचारों की स्वछता भी कि जाएं तो बेहतर होगा, नेतृत्व की कसौटी पर कसें तो भारत के स्वाधीनता आंदोलन को गांधी से पहले और बाद के दो हिस्सों में बांटा जा सकता है. आजादी मिलने के कारणों के सबके अपने अपने तर्क हो सकते हैं पर गांधी भारत के इतिहास में अब तक के सर्वाधिक लोकप्रिय और सर्वमान्य नेता रहे हैं ये भी एक अकाट्य सत्य है.. मैं गाँधी जी से प्रभावित हूँ पर कहीं ज्यादा लाल बहादुर शास्त्री जी से । गाँधीजी आदर्शवादी थे वहीं लाल बहादुर शास्त्री जी व्यवहारवादी । बचपन में पठन पाठन गतिविधियों में दोनों महात्माओं को पढ़ा है। भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री रह चुके शास्त्री जी भारत मां के एक ऐसे महान पुत्र थे, जिन्होंने हमारे देश की पूरी लगन और समर्पण के साथ सेवा की,उनकी सादगी, सत्यनिष्ठा और साहसिक नेतृत्व आज भी पूरे देश केलिए एक प्रेरणा का स्रोत है शास्त्री जी और गाँधीजी को नमन एक आग्रह थोड़ा इन महापुरुषो को पढ़े भी #LalBahadurShastriJayanti #GandhiJayanti #Gandhi150 नमन दोनों महात्माओं को💐💐 #Gandhi_jayanti,#Lal_bahadur_shastri