समझ न आता क्यों रुक सा जाता हूं, डोर बंधी न फिर क्यों खींचा चला जाता हूं, ढूंढता हु खुदा को तेरे पास आ जाता हूं, रोकना नही चाहता खुद को फिर भी क्यों रुक जाता हूं। #नादान #dilema #ravayat #ishqiya #rukavat