इन बिखरे रिश्तों को..कोई तोह समझा दो गुड्डा ही नहीं गुड़िया भी रखती थी में ढक कर ...इन आबरू से खेलते मनचलो को बता दो और जवानी ने बचपन से धोखा किआ है ...कोई तोह इसे भी सजा दीलवा दो मुझको मेरा प्यारा बचपन लौटा दो #childrendayspecial