थोड़े से हैं साज सजीले,थोड़े आसमानी रंग तेरे हैं सात धनक से रंगत और रूहानी सागर से भी गहरे,साहिल से भी ठहरे रवां रवां हैं दूर उफ़क़ तक जैसे झूमें लहरें कभी कभी है कोई कवित,कभी है कोई कहानी रंग तेरे हैं सात धनक से रंगत और रूहानी कभी दुआ से खिल जाते,कभी दवा से मिल जाते अस्तर बन कर उमीदों का कभी रूह से सील जाते रगों में बहते रंग लहू से,धड़कन में गुरुबानी रंग तेरे हैं सात धनक से रंगत और रूहानी थोड़े से हैं साज सजीले,थोड़े आसमानी रंग तेरे हैं सात धनक से रंगत और रूहानी #mikyupikyu #meethashona #tassavuf #hindnama #kavishala