वफ़ा की उम्मीद करो किसी से जब तुम ख़ुद हो वफ़ादार बिना वफ़ादारी के किसी से इसकी आरज़ू करना है बेकार प्यार और इज़्ज़त कहाँ मिलती है कहीं आजकल इस बेवफ़ा दुनिया में कहाँ करते हो तुम वफ़ा की तलाश — % & #rztask246#rzलेखकसमूह#restzone #YourQuoteAndMine Collaborating with Durgakumar Mishra