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इस धुएँ में जलता कभी मेरा भी शरीर होगा क्या मेरे ल

इस धुएँ में जलता कभी मेरा भी शरीर होगा
क्या मेरे लिए कोई अधीर होगा 

प्रियतम को छोड़ मैं चली जाऊँगी एक नए सफ़र पर 
एक दीर्घ अनंत यात्रा पर 

इस जन्म के बाद मिलने वाली श्वास में
हड्डियों का पिंजरा नहीं स्वच्छंद आवास में

मैं प्रतीक्षारत रहूँगी फिर भी बाट में
मैं याद आऊँ कभी,चले आना मणिकर्णिका घाट  में #अनाम #अनाम_ख़्याल #गढ़वालीगर्ल #रात्रिख्याल 
#जीवनमरण #मृत्यु_के_बाद_भी 
#मणिकर्णिका_घाट #काशी
इस धुएँ में जलता कभी मेरा भी शरीर होगा
क्या मेरे लिए कोई अधीर होगा 

प्रियतम को छोड़ मैं चली जाऊँगी एक नए सफ़र पर 
एक दीर्घ अनंत यात्रा पर 

इस जन्म के बाद मिलने वाली श्वास में
हड्डियों का पिंजरा नहीं स्वच्छंद आवास में

मैं प्रतीक्षारत रहूँगी फिर भी बाट में
मैं याद आऊँ कभी,चले आना मणिकर्णिका घाट  में #अनाम #अनाम_ख़्याल #गढ़वालीगर्ल #रात्रिख्याल 
#जीवनमरण #मृत्यु_के_बाद_भी 
#मणिकर्णिका_घाट #काशी