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कर्म पथिक बन दौड़ रहे हैं_ मंजिल की तलाश है। अभी च

कर्म पथिक बन दौड़ रहे हैं_ मंजिल की तलाश है।
अभी चाहे वह खड़ी दूर हो_ मगर आएगी  पास है।।
डगर हम न यह _छोड़ेंगे_ तकदीर को अपनी मोड़ेंगे।।
लक्ष्य तुम्हारा भी कोई हो _तुम भी उसको पा लेना।
मेहनत की कमाई यारों __अपने बल पर खा लेना।।
अपनी वाणी से हम तो_ बस बात यही एक  छोड़ेंगे।।
डगर  हम न यह छोड़ेंगे_तकदीर को अपनी मोड़ेंगे।।
राजेश व्यास "अनुनय"

© Rajesh vyas kavi कर्मवीर बन दौड़ रहे है ___
#जज्बात 
#हौसला 
#दौड़ 
#तकदीर 
#लक्ष्य 
#कर्म 
#nojota
कर्म पथिक बन दौड़ रहे हैं_ मंजिल की तलाश है।
अभी चाहे वह खड़ी दूर हो_ मगर आएगी  पास है।।
डगर हम न यह _छोड़ेंगे_ तकदीर को अपनी मोड़ेंगे।।
लक्ष्य तुम्हारा भी कोई हो _तुम भी उसको पा लेना।
मेहनत की कमाई यारों __अपने बल पर खा लेना।।
अपनी वाणी से हम तो_ बस बात यही एक  छोड़ेंगे।।
डगर  हम न यह छोड़ेंगे_तकदीर को अपनी मोड़ेंगे।।
राजेश व्यास "अनुनय"

© Rajesh vyas kavi कर्मवीर बन दौड़ रहे है ___
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