एक अज़ीब सा सुकून और चैन देते हैं अपनापन पनपा देते हैं तुम्हारे ग़र्म हाथ होती हूँ जब कभी बेचैनी में बेचैन-सी मैं मेरे मन को सहला देते हैं तुम्हारे ग़र्म हाथ जब अकेली-सी जूझती हूँ ख़ुद से ही मै ढाँढस मुझे बंधाते हैं तब तुम्हारे ग़र्म हाथ जब हो उठती हूँ प्रेमालिंगन को आकुल मैं अंतस प्रेम-स्पर्श से भर देते हैं तुम्हारे ग़र्म हाथ Muनेश...Meरी✍️🌈♥️ तुम्हारे गर्म हाथों की गर्मी रूह में जमी बर्फ़ को पिघला देती है। #गर्महाथ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi