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खुली किताब सा हूं मैं तुम चाहो तो पढ़ लेना मुझे

खुली किताब सा हूं मैं

 तुम चाहो तो पढ़ लेना मुझे

 और रही बात रिश्तो की 

तो मैं रिश्तो में पानी बनकर 

हमेशा बेहता रहा हूं 

रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए

©vinod singh pokhariya
  #story #रिश्तों #की #किमत समझना तुम बस