सुनो, भाषा की सभ्यता दिमागी छलावा भी हो सकती है, बाहरी भव्यता आकर्षण का दिखावा भी हो सकती है। बाहर घूमते रावणों से तुम्हें बचके रहना सीखना पड़े, मुखोटे पहचानो, वरना जिंदगी खराब भी हो सकती है। सुनो, #भाषा की सभ्यता (शालिनता) दिमागी छलावा भी हो सकती है, बाहरी भव्यता #आकर्षण का दिखावा भी हो सकती है। छुपे असभ्य लोगों से तुम्हें बचके रहना सीखना पड़े,