अंशुमाली अरुणिमा लिए, जब अपनें आँखें खोले, भोर हुई अब तो जागो, आकाश में आकर बोले। सम्पूर्ण चराचर जागृत हुआ, आया जो नव विहान, मंदिरों की घंटियाँ बजे, मस्जिदों में हुआ अज़ान। कलरव करते खग के झुंड, नभ में करते विचरण, उठो जागो तंद्रा त्यागो, सुप्रभात में कर लो सुमिरन। 🍬 #collabwithपंचपोथी 🍬 विषय - #भोर_हुई 🍬 प्रतियोगिता- 1 (मुख्य) 🍬 समय 29 sep रात 12 बजे तक 🍬 collab करने के बाद comment में done लिखे 🍬 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।