तुम अज्ञेय, तुम्हीं से नेह, सानिध्य तुम्हारा मेरा ध्येय, विश्वास -आश तुम्हीं से है, परम स्नेह तुम्हीं से है युग -युगांतर बीत गए पर कम न हुआ मेरा प्रणय आज भी मेरा हृदय है तुम्हारा गेह, तुम अज्ञेय, तुम्हीं से नेह, सानिध्य तुम्हारा मेरा ध्येय #nojoto #हिंदी poem #तुम अज्ञेय, तुम्हीं से नेह