धड़कने गुनगुनाती है...और रूहे गीत गाती है टूटे हुए दिल को भी ...वफ़ा के गीत सुनाती है पत्थर के समा होकर सब कुछ भूल जाता मैं ना जाने क्यों भूलकर भी ....तुम्हारी याद आती है जहन में कुछ ऐसा था ..मुझे तुझको ही पाना था मोहबत की राह में तुझ... को मैंने अपना माना था दो पल और में हम जीत लेते जंग मोहब्बत की मगर कम्बख्त तुझको भी ....उसी ही वक्त जाना था तन्हाइयो की डालो पे ...मोहब्बत मेरी झूलती है सब कुछ याद होकर भी... ना जाने क्या भूलती है सो जाता हु अक्सर मैं मखमल के बिस्तर पर तुम्हारी याद के बिस्तर ...पे मेरी आँखे खुलती है ©Karni other lyrics of #koideewanakehtahai #SAD #Love #Broken #Rose