हम भूल गए हम अपने स्वार्थ बसीभूत इतने मशगूल हो गए कि हम एक इन्सान हैं ये भी भूल गए, हम अपने मकान बनाने में इतने मशगूल हो गए कि हम घर में रहते हैं ये भी भूल गए, हम अपने मजहबी दुनियां में इतने मशगूल हो गए कि हम सर्व धर्म समभाव हैं ये भी भूल गए, हम अपने घोसले बनाने में इतने मशगूल हो गए कि हम परवाज़ भी हैं ये भी भूल गए, 'मधुकर' अपने लेखन कला में इतने मशगूल हो गए कि योर-कोट में भेजना है ये भी भूल गए,, #भूल गए #योरकोट_दीदी #योरकोटबाबा #मधुकर #anil_madhukar #bestquotes5863