धीरे-धीरे धीरे-धीरे हर इक दोस्त ने मुझसे कर लिया है किनारा, किसी मजबूरियां रहीं ये दूरियां तो किसी के काम का नहीं हूं मैं। जितने थे इल्मदां नादां समझने लगे, पहन कर लिवास कीमती ताल्लुकात के नाकाबिल समझने लगे। किसी को फ़ुरसत नहीं आज-कल दुनियां जहान से, जब मिलते दो पल खुद को भी तो, देखकर ताकता मुझको आबारा समझने लगे। धीरे-धीरे हर इक दोस्त ने मुझसे बस कुछ यूं कर लिया किनारा है, मिलते हैं जब मुस्कां रही नदारत और फिर उनकी आंखों की हरकतें ने मारा है। धीरे-धीरे हर इक दोस्त ने तुझसे बस कुछ यूं कर लिया किनारा है। #friends #duriyan #majburiyan #aabara #liwas #kawil #talluqat #duniyan #taqna #furshat #kinara #harqat #mushkan #aakhen