हल्दीघाटी राणा उठा तलवार जगी भाला उठा चला राणा जंगी हाथ ढाल तलवार लिए चढ़ चेतक चला राणा हल्दीघाटी दुश्मन थरथर कांपा जब राणा चले लिखने शौर्य गाथा लड़ लड़ कर मरे रणबांकुरे लड़कर स्वाभिमान बचाया स्वाभिमान को लगी चिंगारी झाला शक्तिमान राणा संग चला चला भील पूजा बलशाली रण में लिए तीर कमान आ गुंजा व्यर्थ न जाए वार राणा का सर धड़ अलग करें वह राणा जब घायल चेतक चढ़ा हाथी पर हाथी मूर्छित हो पड़ा रण में हाठ्ठी हकीम को देखा जब राणा संग गए मानसिंह घाबराय क्षत्रीय बड़े शक्तिशाली थे मुगल बड़े अघातशास्त्री मुख से निकला मर गए राणा घात लगाकर पल्टे मुगलाणा शक्ति सिर धरा मुकुट राणा का जय एकलिंग से गुजा रणबाजा गूंज उठी तलवार क्षत्रियों की मरते दम तक लड़ते रहे हार ना मानी हारे मुगल राणा हाथ ना लगे मुगलों के कई युद्धों में कूदा राणा जीत को उसका इंतजार था मरणाशन को गए वो राणा इतिहास गवाह जीते राणा #war of Haldighati