यों ही मुझमें खिलते रहना! अभिसार! कहीं मिलते रहना... बरखा बादल सूरज चंदा धुआँधार यों ही झरतें रहना हो सार समाया ऐसा कुछ संसार समाया ऐसा कुछ मन चेतस का गाया ऐसा कुछ संसार गुने अपने जैसा मन पा जाए शेष विशेष मेरा आदर्श विपुल जग का वैभव मेरे वसुमन की थाती शौर्य तेरा गुरूता पाए जब मेरे उर अंतर आए अनुराग कुसुम के नयता सी मेरे दिनकर की क्षमता सी जग का दिनकर जागे जग में पाए श्रांति मेरे मन में ये प्रीत हमारी हो समाधि चेतन हो प्राण प्राण अपना एकांग एकलय रंग एक मन के प्रकीर्ण उद्दवेग एक साक्षी और साक्ष्य करदीप एक जीवन दर्शन आलोक एक द्वयता पाए वह मान प्रणेत दृष्टि सृष्टि हो जाए अद्वैत यों मुझमें श्वेत प्रकाश जगे मानवता का विश्वास जगे आर्द्र हृदय के जलकण पा तुम रंग धनक खिलते रहना यों ही पग पग चलते रहना जीवन के गलियारे में तुम सुबह सांझ मिलते रहना यों ही मुझमें खिलते रहना #toyou #mylove #mylife #yqeternity #yqabundance #yqskies