हर सुबह मेरी खास है इस पल में बस तेरा ही एहसास है,खिलाता है,बगिया में फूल वो भी तेरा ही रहस्य है, मन को मोह लेता प्रातःकाल का ये मनोरमदृश्य है,अद्भुत विचारों से भर देता है मस्तिक को, मन में नए उत्साह का संचार होता है, सूरज की किरणों को फिर कण-कण से प्यार होता है,, अंकुरित होता जीवन का सरोकार होता है,, बसंत की सुबह नवचेतना को संचार करती है, जिस तरह से शाखों में आते हैं नए पत्ते, पुष्पों से भर जाता है उपवन, उसी तरह हमारे मन में भी, खुशबू की बयार आती है,, पुष्प खिलते हैं शाखों पर नए पत्ते आते हैं, उर्जा का नया संचार होता है, और हमारा तन मन भी फिर से जीवंत हो उठता