वो मुहब्बत ढूढने काशी और कावा गए। । हम बेबस हो कर अकेले के अकेले रह गए। । जिनकी आस में जलाये थे चिराग। । सुरेन्द्र वो तनहाई में बुझे के बुझे रह गए। ।