बचपन और शैतानी ऐ वक्त तू जरा ठहर जा इन नन्ही आँखों में तू अपनी छवि बसा गुजरे हुए पलों संग तू वक्त बिता इस समझदारी को बचपन से दूर हटा खिलखिलाने दे उन मासुम चेहरों को गुनगुनाने दे उन नन्हें होंठों को एक बार फिर बचपन में घुल जा एक बार फिर शैतानियो से झुम जा ऐ वक्त तू जरा ठहर जा 😔 #HappyChildren'sDay😊