हम मिडिल क्लास वाले हैं न , हमारे वहां नाइट आउट नहीं होते , हैंग आउट नहीं होते , हम जरूरतें पूरी करते-करते चाहते भूल जाते , हम मिडिल क्लास है न , छोटी-छोटी बातों में खुशियां ढूंढा करते , हमारे यहां 2-3 परिवार बैठकर टाइम बता दें , तो वह समय भी त्यौहार की तरह लगने लग जाते , हम लोग परिवार का साथ ही सब कुछ माना करते , हम मिडिल क्लास वाले हैं न , समाज का वह पहलू होते , जो अमीर और गरीब के बीच में होते , फिर भी अंधे के रह जाते , हम मिडिल क्लास वाले हैं न।। ©ऋषभ वर्मा (R.V.) hum middle class #mera_shehar