दे रहा है दर्द यूँ, आज ख़ुदा को यह गवाही देख क्या सिला मिला, इश्क में है तबाही ऐसी भी क्या, देख किस कदर, टूटी हूँ मैं वफ़ा करके भी, क्यों मिल रही है रुसवाई दिल की कसक, अब है यूँ, सिसक रही बेबस है यूँ, दर्द मेरा, कैसी है यह लाचारी होंठों पे है, पसरी हुई, मेरे यूँ खामोशियाँ घुट घुट जिऊँ, तड़पती है, रूह अब हमारी इन्तज़ार में पलकें झुकाए, जागें नैना यूँ रैना सारी तड़प रहीं, बिछड़न की चौखट पर, नज़रें हैं हमारी कैसी हैं मजबूरीयाँ, दिल है यूँ, अब कचोट रहा ऐ ख़ुदा, क्यों लिख दी तुमने, यूँ जुदाई हमारी Sun💕L ⭐An🎵Prerna🖋️⭐ So grateful to you for giving an opportunity to me to write something on your beautiful and inspirational these expressions .. Dear 💓🎸🎶 🎀 Challenge-338 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।