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बचपन बचपन की यादों में खोकर, मेरा मन आज भी बच्चे

बचपन 

बचपन की यादों में खोकर, मेरा मन आज भी बच्चे जैसा ही बन जाता है। 
याद करता है वह शैतानियां, वह नादानियां फिर उसी में खोकर रह जाता है।

बारिश में भीग कर नहाना, वह मां-पापा की डांट खाना बड़ा याद आता है।
दादी-नानी से किस्से-कहानियां सुनना, वो करना अठखेलियां अब भी भाता है।

खेलने-कूदने के लिए,पढ़ाई से जी चुराना,वो बहाने बनाकर घूमना याद आता है।
स्कूल ना जाने को पेट दर्द का बहाना बनाना, फिर समोसे खाना याद आता है।

क्लास से बाहर बैठने के लिए होमवर्क ना करके ले जाना बैठ कर गप्पे लड़ाना,
दोस्तों की टोली संग मौज-मस्ती करना समय बिताना, सताता है गुजरा जमाना।

भेदभाव रीति-रिवाजों से अलग, अपनी छोटी सी दुनियां में खोये रहना सुहाता था।
चेहरे पर मासूमियत थी, दिल में ना कोई बैर था, बस केवल दोस्ती निभाना आता था।
 25/04/2021

#kkबचपन
#कोराकागज
#collabwithकोराकागज
#रमजान_कोराकागज
#KKR2021
बचपन 

बचपन की यादों में खोकर, मेरा मन आज भी बच्चे जैसा ही बन जाता है। 
याद करता है वह शैतानियां, वह नादानियां फिर उसी में खोकर रह जाता है।

बारिश में भीग कर नहाना, वह मां-पापा की डांट खाना बड़ा याद आता है।
दादी-नानी से किस्से-कहानियां सुनना, वो करना अठखेलियां अब भी भाता है।

खेलने-कूदने के लिए,पढ़ाई से जी चुराना,वो बहाने बनाकर घूमना याद आता है।
स्कूल ना जाने को पेट दर्द का बहाना बनाना, फिर समोसे खाना याद आता है।

क्लास से बाहर बैठने के लिए होमवर्क ना करके ले जाना बैठ कर गप्पे लड़ाना,
दोस्तों की टोली संग मौज-मस्ती करना समय बिताना, सताता है गुजरा जमाना।

भेदभाव रीति-रिवाजों से अलग, अपनी छोटी सी दुनियां में खोये रहना सुहाता था।
चेहरे पर मासूमियत थी, दिल में ना कोई बैर था, बस केवल दोस्ती निभाना आता था।
 25/04/2021

#kkबचपन
#कोराकागज
#collabwithकोराकागज
#रमजान_कोराकागज
#KKR2021