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कुछ वक्त पहले मिली थी एक लड़की चुलबुली लगती थी वो ज

कुछ वक्त पहले मिली थी
एक लड़की चुलबुली
लगती थी वो जैसे
गुलाब की पंखुड़ी
उसकी आँखों की गहराई
जैसे कोई समंदर हो
बातें उसकी ऐसी थी
जैसे कि मस्त कलन्दर हो
होंठो में उसके मुस्कान 
के रंग की लाली थी
आंखों में काजल था
और कानों में शायद बाली थी
जब पहली बार उसकी आवाज़ आई
लगा किसी ने धुन मीठी सी सुनाई 
हालांकि अरसा गुज़र गया इस बात को
पर मैं भूल नही पाऊंगा
 उस पहली मुलाकात को कुछ वक्त पहले मिली थी
एक लड़की चुलबुली
लगती थी वो जैसे
गुलाब की पंखुड़ी
उसकी आँखों की गहराई
जैसे कोई समंदर हो
बातें उसकी ऐसी थी
जैसे कि मस्त कलन्दर हो
कुछ वक्त पहले मिली थी
एक लड़की चुलबुली
लगती थी वो जैसे
गुलाब की पंखुड़ी
उसकी आँखों की गहराई
जैसे कोई समंदर हो
बातें उसकी ऐसी थी
जैसे कि मस्त कलन्दर हो
होंठो में उसके मुस्कान 
के रंग की लाली थी
आंखों में काजल था
और कानों में शायद बाली थी
जब पहली बार उसकी आवाज़ आई
लगा किसी ने धुन मीठी सी सुनाई 
हालांकि अरसा गुज़र गया इस बात को
पर मैं भूल नही पाऊंगा
 उस पहली मुलाकात को कुछ वक्त पहले मिली थी
एक लड़की चुलबुली
लगती थी वो जैसे
गुलाब की पंखुड़ी
उसकी आँखों की गहराई
जैसे कोई समंदर हो
बातें उसकी ऐसी थी
जैसे कि मस्त कलन्दर हो