गहरा सा रंग चढ़ा के जिंदगी में रंग भरलू लिख सके ना कोई परछाई भी अपनी ऐसी छांव कर लूं बचावं कैसे लोगों से जो सफेद दीवार पर भी कालिख पोछ जाते हैं जलन फरेब की काली सीहाई उछाल जिंदगी मैलि कर जाते हैं नजर ना लगे किसी की काला टीका क्या खुद बन जाऊं जितना हल्का रंग हो उतना गहरा मेल लग जाता है रंग काला घोल दूं या लाल रंग लहू का चढ़ा लू रंग हल्दी का या मेहंदी का रंग भर लू रंग आसमानी सा हो या मिट्टी का पिरो लो सबको मोती सा रंगीन हो जिंदगी तो इंद्रधनुष सही है क्या #रंगीन हो जिंदगी तो इंद्रधनुष सही है क्या