कभी मखमल तो कभी अनी को आएंगे मेरे पैर चल कर गनी को आएंगे बाज़ीचा सा एक दिन मैं भी टूट जाउंगा मुट्ठीयो ले कर मिट्टी सब सनी को आएंगे मेरे मिलों के सफर के किस्से मेरी दो गज जमीं को आएंगे देखना ये सख्त पत्थर भी एक दिन नमीं को आएंगे दिल के गोशे में अपनों से हैं कई सवाल निकले जो बाहर, काटने हमीं को आएंगे बहुत मुश्किल हैं खौफ के सवाल #तहकीक चलोगे साथ मेरे तो जवाब सभी को आएंगे ©Syed Abdul Basit #Nojoto #ABDUL_BASIT_TAHQIQ #gazal