जिनकी सुबह तुझसे, और शाम भी तुझसे, क्या होगा उनका गर तू ही ना हो, ज़िंदगी बोझ सी हो जाएगी, सांसे तो चल रही होगी, पर क्यूं ये पूछते होंगे? इससे बेहतर की हम भी चल बसे होते| @रुचि झा #death_of_loved_one